कितना अजीब.....

कितना अजीब.....

कितना अजीब है ना ...।।
बदलते मौसम के साथ लोग भी बदल जाते है ।

जाने कैसी नज़र....

जाने कैसी  नज़र थी उनकी , की जाने कैसी  नज़र थी ।

जब से उनकी नजर ने इस नजर को जिस नजर से  था देखा  ।।

की जब से उनकी नजर ने इस नजर को  जिस नजर से था देखा ।।।

मेरी इस नजर ने किसी और नजर को उस नजर से एक नजर तक नहीं देखा  ।।।।

अधिक

छीन लेंगे.....

तुमने वो कहावत सुनी है , की किस्मत में होगी तो मिल जाएगा ।। 

मैं भी शायद मानता हूँ की किस्मत में होगी तो मिल जायेगा   ।।।

और अगर नहीं मिला तो छीन लेंगे किस्मत से भी और लोगों से भी     ।    ।  

तुम्हे खोने से....

मैं तुम्हे खोने से डरता हूँ , की मई तुम्हे खोने से डरता हूँ । 

तुम अपनी मांग में मेरे नाम की सिंदूर भर के मेरा ये डर  दूर करोगी क्या  ।। 

तुम्हारी कलाई बहुत सुनी लगती है , की तुम्हारी कलाई बहुत सुनी लगती है  ।

मेरे हाथों से चूड़िया  पहनोगी क्या   ।।।

मैं तुम्हे घडी नहीं पहनने दूंगा क्यूंकि वक्त भी तुम्हे देख के रुक जाता है   ।

और मैं नहीं चाहता की तुम उस रुके हुए वक्त को वक्त निकाल के देखो    ।।।।। 

कुछ ना कहूं....

बहुत कुछ है कहने  को पर ना जाने क्यों  । 

अब कुछ ना कहूं वही बेहतर लगता है   । 

मरने वाले....

मरने वाले तो एक दिन बिन बताये मर जाते है ,रोज तो वो मरते है    | 

जो खुद से ज्यादा किसी और को चाहते है   ।

शख्सियत....

मेरी शायरी में मेरी शख्सियत तलाशने की कोशिश न करो दोस्त  ।  

जब कोई कहता है की खुद को मेरी जगह रख के सोचो तो सोच लेता हूँ   ।। 

सबूत.....

दिल से साबित करो की जिन्दा हो 

साँस लेना कोई सबूत नहीं    ।। 

चेहरा .....

दिलों की बात करता है   जमाना 

मोहब्बत आज भी चेहरे से शुरू होता है 


बेरुखी......

तुझे तरस क्यों नहीं आता  मेरे साथ यूँ बेरुखी करते हुए 

तेरा गिला खुदा से कैसे करू तुझे माँगा भी तो उसी से है   

वक्त....

अपना अच्छा वक्त सिर्फ उन्ही लोगो को दो जो 

बुरे वक्त में भी तुम्हारे साथ थे     

खोने से.....

सुनो ___ पता नहीं तुझे खोने से क्यों डर लगता है 
          जबकि मुझे पता है की तू मेरा नहीं है  |||||  

दरिया......

कभी पढ़ तो सही मेरी आँखों को  

कभी पढ़ तो सही मेरी आँखों को  

यहाँ दरिया बहता है तेरी मोहब्बत का  

अधूरी ख्वाहिशे......|||||

अगर सब कुछ मिल जाएगी जिंदगी में तो  ,

तमन्ना किसकी करोगी कुछ अधूरी ख्वाहिशे तो जीने का मजा देती है  ||  

लफ्ज....

अगर एहसास बयां हो जाते लफ्जो से ,
तो फिर कौन करता तारीफ खमोशियों की ।। 

इश्क....।

तेरी खमोशी , अगर तेरी मजबूरी है ...। 
तो रहने दे इश्क कौन सा जरूरी है ....।।

खैरियत...।

हाल जब भी पूछो खैरियत बताते हो । 
लगता मोहब्बत छोड़ दी तुमनें ।। 

लहजे से......|

वो शक्स तरसेगा मुझसे बात करने को 

जिसने अपने लहजे से मेरा दिल दुखाया है  

दुआ....

मैं उसकी इस दुआ से डर गया हुँ  की 

तुमको मुझसे भी अच्छी मिलेगी  

मनाने वाला .....|

 रूठ जाने की अदा हमें भी आती है 

ये काश कोई होता हमें भी मनाने वाला 

गलत....|

 किसी को गलत समझने से पहले ना उसके 

हालात समझ लिया करो   

दोस्तों .....|

ये लाइफ है मेरे दोस्तों 

यहाँ तुम्हे जोड़ने वाले भी मिलेंगे और तोड़ने वाले भी  

दूरिया.......

तुम्हारे काबिल नहीं थे तो बता देते 

यूँ खामोश रहकर दूरिया क्यों बना ली  

होठो को चुम कर ....|

सुना है तुम लेते हो बदला हर बात का 

आजमाएंगे एक दिन तेरे होठो को चुम कर  

सारा जहाँ बाकि.....

मैं तेरे बेवफा होने से परेशान नहीं 

दिल लगाने को अभी सारा जहाँ बाकि है  

इस कदर......

अगर जाओ किसी की जिंदगी से इस कदर जाना 

की उसके दिल में तुम्हारे  इज्जत बनी रहे  नफरत नहीं 

तुमने पकड़ा हाथ........

तुमने पकड़ा हाथ किसी का और चल पड़ी 

दुनिया तुम्हे हसीन लगी और तुम निकल पड़ी 

धोखा तुमने दिया है तो तुम्हे भी मिलेगा 

जैसा बीज बोओगे वही मिलेगा 

और दुनिया की रिवायत है चलती रहती है 

और जवानी का क्या है ढलती रहती है 

आज मुझे हरा कर तुम जीत जाओगी 

लेकिन मेरा दावा है बुढ़ापे तक मेरा गीत गाओगी  

तेरे बिन.....

बात ये नहीं की तेरे बिन जी नहीं सकते 

बात ये है की तेरे बिन जीना नहीं चाहते