तुमने पकड़ा हाथ किसी का और चल पड़ी
दुनिया तुम्हे हसीन लगी और तुम निकल पड़ी
धोखा तुमने दिया है तो तुम्हे भी मिलेगा
जैसा बीज बोओगे वही मिलेगा
और दुनिया की रिवायत है चलती रहती है
और जवानी का क्या है ढलती रहती है
आज मुझे हरा कर तुम जीत जाओगी
लेकिन मेरा दावा है बुढ़ापे तक मेरा गीत गाओगी
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