कितना अजीब.....

आँखें......

तलब करे तो मैं अपनी आँखें भी दे दूँ 

मगर ये लोग मेरी आँखों के ख्वाब मांगते है......   

खाली हाथ ......

भरे बाजार से अक्सर मैं खाली हाथ आया हूँ 

कभी ख्वाहिश नहीं होती  तो कभी पैसे नहीं होते  

सच.....

यहाँ सब खामोश है कोई आवाज नहीं करता 

सच बोलकर कोई किसी को नाराज नहीं करता  

हुनर .....

 सीख नहीं पा रहा हु मीठे झूठ बोलने का हुनर 

कड़वे सच से हमसे न जाने कितने लोग रूठ गए   

झूठ......

सीख नहीं पा रहा हु मीठे झूठ बोलने का हुनर 

कड़वे सच से हमसे न जाने कितने लोग रूठ गए   

इबादत....

हम ने रोती हुई आँखों को हंसाया है  सदा 

इससे  से बेहतर इबादत तो नहीं होगी हमसे 

 

साजिश.....

हमारा क़त्ल करने की उनकी साजिश तो  देखो ,

गुजरे जब करीब से , तो चेहरे से पर्दा हटा लिया  

शकुन ......

अपनी हार पर इतना शकुन था मुझे ,

जब उसने गले लगाया जितने के बाद  

तक़दीर......

मेरे इरादे मेरी तक़दीर बदलने को काफी हैं 
मेरी किस्मत मेरी लकीरों की मोहताज नहीं 

नशा.........

 उसने हर नशा सामने लाकर रख दिया और कहाँ 

सबसे बुरी लत कौन सी है  , मैंने कहा तेरे प्यार की 

सौदे ....

 आजकल देखभाल कर होते है प्यार के सौदे 

वो दौर और थे जब प्यार अँधा होता था 

more..

जख्म....

जिन जख्मों से अगर खून ना निकले तो समझ जाना । 
जख्म किसी अपने ने दिये है ।। 


इतना  कहाँ  मशरूफ हो  तुम , 
आजकल दिल दुखाने भी नहीं आते  

तेरी मोह्हबत को कभी खेल नहीं समझा , 
वरना खेल तो  इतने खेले है की कभी हार नहीं  माने 

कुछ अलग सा है अपनी मोह्हबत का हाल है 
तेरी चुप्पी और मेरा सवाल 

खिलौना ....

हम उस तकदीर के पसंदीदा खिलौना है । 
जिसे रोज जोड़ती है , मुझे फिर से तोड़ने के लिये ।।

उस तरह.....

बे-फिजूली की जिन्दगी का सिल-सिला खत्म ।
जिस तरह की दुनिया उस तरह के हम ।। 

झुकना

कद बढ़ा नही करते , ऐड़िया उठाने से । 
ऊचाईया तो मिलती है , सर झुकाने से ।। 

नींद.....

नींद चुराने वाले पूछते है सोते क्यो नही । 
इतनी ही फिक्र है तो हमारे होते क्यो नही ।। अधिक......

नाम...

काम ऐसा करो की नाम हो जाये ।और नाम ऐसा बनाओ की काम हो जाये ।।

पहलू....

बात ऐसी कहो जिसका सौ पहलू हो 
कोई पहलू रहे बात बदलने के लिए..। 

ज़िन्दगी

जिन्दगी अपने लिये जियो 
किसी ऐसे शक्स के लिए बर्बाद मत करो जो 
तुम्हे अपना ना समझे ...।

ख्वाईश.....

ख्वाईशों के बोझ में 
तू
 क्या क्या कर रहा है । 
इतना तो जिया भी नही जितना तू मर रहा है । 

नज़र.....।

आइना के सामने खड़े होकर , 
कभी आँख से आँख मिलना । 
क्योकि खुद से नजर मिलाने का 
अलग ही मजा है । 

जरूरत ...?

उस इंसान दूर हो जाओ जिसको आपके होते हुए भी किसी और की जरूरत हो ।।

मिलना

अब मत मिलना तुम दोबारा मुझसे । 
बहुत वक्त लगा है खुद को संभालने मे । । 

फर्क....।

जिसको मेरे चुप होने से कोई फर्क नही पड़ता है । 
उसको मेरे मर जाने से भी कोई फर्क नही पड़ेगा ।।

चाहत ...

 जो मेरे दिल मे चाहत है ओ सिर्फ 

तुम्हारे लिये .....। 

दास्तां.....

बीते रात की दास्तां सुनाता हूॅ । 
बहुत तड़पे है उसकी याद मे ।।

चाँद

कहा से शुरू करू तेरी तारीफ ,  
तू तो बेदाग चाँद है ।। 

दिल की बात.....

बहुत मुश्किल है , दिल की बात ज़ुबा से कहना । 
कभी आँखों मे पढ़ भी लिया करों 

Do line ........

 कहूं तो क्या कहूं उसे
 जो हमारी तरफ देखते भी नहीं