Two line hindi shayari
कितना अजीब.....
जख्म....
जिन जख्मों से अगर खून ना निकले तो समझ जाना ।
जख्म किसी अपने ने दिये है ।।
इतना कहाँ मशरूफ हो तुम ,
आजकल दिल दुखाने भी नहीं आते
तेरी मोह्हबत को कभी खेल नहीं समझा ,
वरना खेल तो इतने खेले है की कभी हार नहीं माने
कुछ अलग सा है अपनी मोह्हबत का हाल है
तेरी चुप्पी और मेरा सवाल
अधिक ....
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झूठ......
सीख नहीं पा रहा हु मीठे झूठ बोलने का हुनर कड़वे सच से हमसे न जाने कितने लोग रूठ गए
दोस्तों .....|
ये लाइफ है मेरे दोस्तों यहाँ तुम्हे जोड़ने वाले भी मिलेंगे और तोड़ने वाले भी
तुमने पकड़ा हाथ........
तुमने पकड़ा हाथ किसी का और चल पड़ी दुनिया तुम्हे हसीन लगी और तुम निकल पड़ी धोखा तुमने दिया है तो तुम्हे भी मिलेगा जैसा बीज बोओगे वही मिलेगा ...
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