Two line hindi shayari
कितना अजीब.....
शकुन ......
अपनी हार पर इतना शकुन था मुझे ,
जब उसने गले लगाया जितने के बाद
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झूठ......
सीख नहीं पा रहा हु मीठे झूठ बोलने का हुनर कड़वे सच से हमसे न जाने कितने लोग रूठ गए
दोस्तों .....|
ये लाइफ है मेरे दोस्तों यहाँ तुम्हे जोड़ने वाले भी मिलेंगे और तोड़ने वाले भी
तुमने पकड़ा हाथ........
तुमने पकड़ा हाथ किसी का और चल पड़ी दुनिया तुम्हे हसीन लगी और तुम निकल पड़ी धोखा तुमने दिया है तो तुम्हे भी मिलेगा जैसा बीज बोओगे वही मिलेगा ...
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